शब्द का अर्थ
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उत्सर्प, उत्सर्पण :
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पुं० [सं० उद्√सृप् (गति)+घञ्] [उद्√सृप्+ल्युट-अन] १. ऊपर की ओर चढ़ने, जाने या बढ़ने की क्रिया या भाव। २. उठना। ३. उल्लंघन करना। ४. फूलना। ५. फैलना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्सर्प, उत्सर्पण :
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पुं० [सं० उद्√सृप् (गति)+घञ्] [उद्√सृप्+ल्युट-अन] १. ऊपर की ओर चढ़ने, जाने या बढ़ने की क्रिया या भाव। २. उठना। ३. उल्लंघन करना। ४. फूलना। ५. फैलना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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